जीवन सैली कैशी होनी चहिये ???
अगरबत्ती.और रु .50 रु
दूध। Rs.3000 प्रति माह
घर की किश्त। 7000
बिजली बिल 1500 रु
एलपीजी गैस। 700 रु
घर चलाने के लिए किराने का सामान प्रति माह 5000 रु
(तेल, गेहूँ, चावल, दाल का साबुन, बीन घी गुड़ आदि)
प्रति माह दो बच्चों और स्कूल रिक्शा के लिए शुल्क। 3000 रु
इसकी ट्यूशन लागत 1000 रुपये प्रति माह है
(ट्यूशन..बुक पेन्सिन आदि)
फ्लैट का रखरखाव। प्रति माह 700 रु
टीवी केबल कनेक्शन। ..Rs400
सब्जी .... 1200 रु
प्रिंट ..... Rs.150
घर से काम। (केवल मेस) 700 रु
घर पर पेट्रोल
कार्यालय से घर तक प्रति माह रु
कुल Rs.27500
वेतन Rs.30000
शेष 2500
आप कब से क्या लिख रहे हो... डायरी के अंदर ...?
अचानक मेरी पत्नी आई और मेरे पास बैठ गई…।
मैंने डायरी को उल्टा करके रखा और चश्मा, कैलकुलेटर एक तरफ रख दिया ...
अरे पागल ..कुछ नहीं कहते .... मैंने इस विषय को बदलने की कोशिश की
तुम जूठ बोल हो .... डायरी लाओ ... पत्नी को कहो ..
मेरी डायरी उठा ली .... क्योंकि हम दोनों का एक ही नम्बर के चश्मे होने के कारन ...उसने मेरे चश्मे पहन लिऐ.....
* जैसे की देश के वित्त मंत्री हो वैसे उन्होंने मेरी डायरी का निरीक्षण करना शुरू कर दिया...।
जिस तरह वह डायरी में लिखे अकाउंट को पढ़ रही थी, पत्नी के चेहरे पर गंभीरता और चीता धीरे-धीरे आ रही थी। और धीरे से पूछा इसमें मेडिकल का खर्च 15000 सालाना
नगर निगम का वार्षिक कर रु 3000
मुझे इसमें कोई आकस्मिक बड़ी या छोटी बीमारी या लेनदेन नहीं दिखता ...
पत्नी को पता था ..... मैं चिंतित था ..... उससे बातचीत को हल्का करने के लिए कहा .....
आपके मसाले की लगत तो लिखनी रह गई है?
मैंने कहा .. डार्लिंग एक महीना हो गया है मसाला छोड़ा दिया उसे|
इसका मतलब है कि आपका बजट घाटे में है। आमदनी से ज्यादा खर्चा बढ़ रहा है। पत्नी बोलती है
डार्लिंग इसी चिंता में हूँ…।
हम गरीब नहीं हैं या हम मध्यम वर्ग के हैं
हम नीचे मध्यम वर्ग हैं ...।
मैं ... मैं आपको बचत करने के लिए क्या कह सकता हूं..यह सभी जीवन के लिए एक आवश्यक चीज और सेवाऐ है ... कही कुछ कटौती करने के लिए हो ... तो आप दिखाये ..?
पत्नी बोलती है .. चिंता मत करो ...
मैं खुद बर्तन साफ करूंगी। .Rs700x12 Rs8400
टीवी चैनल निकाल देते है वैसे भी लड़को का अध्ययन नहीं होता उसे 400 x 12 रु .4800 कुल रु .3200 बच जाएगे ...
यह हमारे मेडिक्लेम के लिए काम आयेगा
मैंने अपनी पत्नी के सिर पर अपना हाथ फेर कर कहा .दोस्तों..जिसकी पत्नी समझदार है ... और अगर वह प्यार कर रही है, तो वह मुस्कुराहट के साथ जीवन की आधी लड़ाई जीत सकता है ... आई लव यू
जीवन की यात्रा केवल फेसबुक या व्हाट्सएप पर नहीं चलती है। सदी के चार फेरे लेते वक्त पकडे हुए हाथ जिंदगी भर किसी भी परिस्थिति में छूटे नहीं वही सफल दांपत्य जीवन कहा गया है
डार्लिंग हम .. साल में बस एक बार आपके जन्मदिन पर एक फिल्म देखने के लिए जाते हैं ... यह भी दो साल हो गए हैं..तो भी अपने कभी भी शिकायत नहीं की या मेरे प्रति अपनी असंतोष व्यक्त नहीं किया .... डार्लिंग ..... ऐसी स्थिति में, होम टीवी मनोरंजन का एक सस्ता साधन है..उसे आप बंद करने की बात कर रहे हो ..... ऐसा करने से आप का समय कैसे व्यतीत होगा ?...
टीवी देखने का समय बर्बाद करने के बजाय ... मैं आपकी मदद करने के लिए सिलाई कार्य और ट्यूशन के रूप में दो या तीन आर्थिक गतिविधियां कर सकती हु| ....
बीवी मन से कमजोर थी पर परिस्थिति से लड़ने के लिए मक्कम थी |
मैंने कहा .. डार्लिंग ... चिंता मत करो .... समस्या अभी गले तक नहीं आई है .. इससे पहले कि वह नाक तक पहुंच जाए..मैं एक बड़ा निर्णय लूंगा ..
क्यों .... पत्नी ने डायरी को किनारे रख दिया और चश्मा निकाल लिया ...
मैंने .... कहा .. हमारी शादी के समय..मैं धूमधाम से शादी करना चाहता था ..ऐसा दुनिया को दिखाना था की हम किसी से काम नहीं है !! ऐसी मेरी बाते और घमंड था !!!
पर पिताजी ने मुझे वास्तविकता और पैसे के महत्व के बारे में समझाया .... और फिर पिताजी ने मेरी बचत और उनकी बचत को इकट्ठा किया ... उसे एक बड़ा प्लॉट खरीदा ... और कहा ... जीवन में परेशानी होने पर यह प्लॉट बेच देना ... 12 साल में यह प्लॉट शहर के बिच में ( केंद्र ) में आ गया है ... लगभग 75 लाख रुपये इस प्लॉट से आएंगे ...।
दीवार पर लगी मेरे पिताजी की तस्वीर को देख पत्नी बोली…।
वाह .... पिताजी ... अगर हम सही समय पर बड़ों की सलाह मानें ... तो हमें कभी भी किसी के आगे हाथ फ़ैलाने की नौबत ना आए |
आत्म-सम्मान का जीवन जीने के लिए संतुष्टि, धैर्य की आवश्यकता होती है।
कभी-कभी कोई समस्या नहीं होती है..हम उसे आमंत्रित करते हैं .... और हम केवल उसी के लिए जिम्मेदार हैं ...
दोस्तो ......
आज दिखावे की जिंदगी में .... हमने अपनी जीवनशैली बदल ली है .. खुशी बैंक की किश्तों का भुगतान करने में खो जाती है ... अनावश्यक ऋण लेने के बाद .... उसकी किश्तें .. कांटे की तरह। जीवनशैली को स्वीकार करने के बाद, हम वास्तविकता को स्वीकार नहीं कर सकते ... परिणामस्वरूप ... हम असंतोष ... उम्मीद और अशांति को आमंत्रित करते हैं।
इसलिए अपने जीवन को सरल बनाये और एक दूसरे के सहयोग से जीवन को आगे बढ़ाये
यही प्राथना करते है आपसे। ..
धन्यवाद। ...
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